भारत की राष्ट्रपति एम्स पटना के प्रथम दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं

चिकित्सा पेशेवर हमारे देश की संपत्ति हैं: राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रपति भवन : 19.10.2023

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 19 अक्तूबर, 2023 को पटना, बिहार में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज एम्स पटना का पहला दीक्षांत समारोह है और  आज का दिन इस संस्थान और यहाँ के हर विद्यार्थी के लिए गौरव का दिन है। उन्होंने कहा कि आज जो डॉक्टर डिग्री प्राप्त कर रहे हैं वे देश और नागरिकों के स्वास्थ्य और विकास में अपनी  उपयोगी भूमिका निभाने के लिए सक्षम हो गए हैं। 

राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है। इसने देश-विदेश में चिकित्सा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में अनेक नए मानक स्थापित किए हैं। एम्स चिकित्सा का ऐसा उत्कृष्ट संस्थान है जहां उच्चतम स्तर का आधुनिकतम इलाज हर वर्ग के लोगों को उपलब्ध कराया जाता है।  राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा पेशे से लोगों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा होती है। लोग डॉक्टर पर विश्वास करके अपना इलाज करवाते हैं। इसलिए, सभी चिकित्सा पेशेवरों का यह कर्तव्य है कि वे इस महान पेशे की गरिमा को बनाए रखें और सेवा भाव से कार्य करें।

राष्ट्रपति ने पहली बार एनआईआरएफ रैंकिंग 2023 में 27वां स्थान हासिल करने के लिए एम्स पटना की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि यह संस्थान अत्यंत सक्षम डॉक्टर तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशेवर हमारे देश की संपत्ति हैं। उनके ऊपर देशवासियों को स्वस्थ रखने की बड़ी जिम्मेदारी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की बड़ी आबादी की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत अधिक संख्या में सक्षम डॉक्टरों और नर्सों की जरूरत है। राष्ट्रीय स्तर पर डॉक्टर-रोगी और नर्स-रोगी अनुपात कम है और इसे बेहतर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश देश के सभी राज्यों में बहुत सारे मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बनाए गए हैं, जिससे लोगों को चिकित्सा की सुविधाएं उनके अपने और आसपास के क्षेत्रों में मिल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 7-8 वर्षों में एमबीबीएस सीटों में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने स्वस्थ और विकसित देश के निर्माण में सहयोग देने के लिए निजी क्षेत्र और गैर-सरकारी संगठनों की प्रशंसा की।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि एम्स पटना जैसे चिकित्सा संस्थान समग्र कल्याण दृष्टिकोण को बढ़ावा दे रहे हैं और होम्योपैथी, आयुर्वेद, योग, यूनानी और सिद्धा जैसी वैकल्पिक चिकित्सा से लोगों का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने एम्स पटना जैसे संस्थानों से मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक शोध करने और अन्य संस्थानों को भी मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा और इससे संबंधित उपचार प्रणाली स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन करने का आग्रह किया।

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